पिछले कई वर्षों से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन बना रहे हैं। अलग-अलग फर्जी दस्तावेज,ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आधार पर दो अलग-अलग स्वामित्व के लोगों से जमा कर रहे हैं।विभिन्न प्रकार के टेक्स की राशि
वर्षों से न्याय की आस में न.प.के चक्कर काट रहे पीड़ित राजेंद्र राठौर ने जिला कलेक्टर नीमच से लगाई न्याय की गुहार
रतनगढ़। नगर परिषद में इन दिनों फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर नामात्रंण का भारी खेल चल रहा है।जिसमें रजिस्ट्री, डायवर्शन आदी महत्वपूर्ण दस्तावेजो के आधार पर तो जनता को नामान्तरण के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।लेकिन ठिक इसके दूसरी तरफ पिछले तीन-चार वर्षो में कई फर्जी नामांन्तरण कर दिए गए है।अगर गहराई से जांच की जाए तो कई ऐसे मामले भी सामने आ जाएंगे।जिसमें कई लोगों के द्वारा किए गए शासकीय अतिक्रमण को भी निजी भूमि या भवन बताकर शासकीय रिकॉर्ड में भारी हेरा फेरी करते हुए अवैध रूप से नामांतरण कर दिए गए है।ऐसा ही एक रतनगढ़ नगर परिषद के द्वारा किए गए अवैध नामांतरण के फर्जीवाड़े का बहुत बड़ा मामला सामने आया है।जिसमें पीड़ित व्यक्ति के द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181,जनसुनवाई,लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से नगर परिषद में कई बार आवेदन देने के बाद भी आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी नहीं दी गई। विस्तृत जानकारी के अनुसार....सन् 1999 से 2001-02 तक भवन क्रमांक 57 जो कि वार्ड क्रमांक 8 सदर बाजार दर्जी मोहल्ले में स्थित है।राजेंद्र कुमार बंशीलाल राठौर के नाम से रतनगढ़ न.प.के रिकॉर्ड में दर्ज है।जिसका संपत्ति कर, समेकित कर,जल कर की समस्त बकाया राशि की जमा रसीदे राजेंद्र कुमार के नाम से बनाई गई है।उसके पश्चात सन 2005 में जब राजेंद्र कुमार को जानकारी मिली कि उनके मालिकाना स्वामित्व वाले भवन को न.प.के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करते हुए भारी हेरा फेरी की गई। एवं उक्त भवन को बंशीलाल,मोतीलाल, राजेंद्र कुमार राठौर के नाम पर दर्ज कर संपत्ति कर,समेकित कर एवं जलकर की जमा राशि की रसीदे बना दी गई।सन 2021 में राजेंद्र कुमार राठौर के द्वारा न.प.में आवेदन देकर नाम को सुधारने की गुहार लगाई गई।तो कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़ित राजेंद्र कुमार ने बताया कि 2022 में उक्त भवन को बिना मेरी जानकारी एवं सहमति के बंशीलाल मोतीलाल के नाम पर चढ़ाकर फर्जी तरीके से उनको प्रमाण पत्र दे दिया गया। जबकि न.प.के रिकॉर्ड में भवन मालिक का नाम बंशीलाल राजेंद्र कुमार राठौर ही दर्ज था। इसके पूर्व दिनांक 30 मई 2019 को न.प. द्वारा पत्र क्रमांक 930/2019 बंशीलाल राजेंद्र कुमार, मोतीलाल के नाम से नोटिस सूचना जारी कर वार्ड क्रं.8 में स्थित भवन क्रमांक 57 जो की जिर्ण शिर्ण अवस्था में हो चुका है। को तोड़ने का आदेश भी जारी किया गया। राजेंद्र कुमार ने यह भी बताया कि 2009 से लेकर 2025 तक ऑनलाइन नल कनेक्शन मेरे नाम पर ही दर्ज है।लेकिन आफ लाइन में हस्ते गोपाल कृष्ण बंशीलाल के नाम से रसीद बनाकर न.प.के कुछ कर्मचारीयो के द्वारा भारी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।इसके साथ ही उपभोक्ता जलकर आईडी क्रमांक 612 जो कि हमारे नाम पर दर्ज है।उसमें भी ऑनलाइन अपडेट आईडी मे 1000934598 बताकर ऑफलाइन रिकॉर्ड में फर्जीवाड़े से हस्ते गोपाल के नाम से जमा रसीद बना दी गई।जबकि ऑनलाइन रिकॉर्ड में मेरे नाम पर आज भी आईडी नंबर 1000934597 है। राजेंद्र ने आगे यह भी बताया कि 2022-23 में पुनःन.प.कार्यालय में मेरे द्वारा आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन देते हुए नाम सुधार करने का निवेदन किया गया। जिस पर न.प. के द्वारा अपनी गलती मानते हुए सुधार करते हुए उक्त भवन को पुनः राजेंद्र कुमार बंशीलाल राठौर के नाम पर दर्ज करते हुए संपत्ति कर समेकित कर एवं जलकर की राशि मेरे नाम से जमा कर जमा रसीदे प्रदान कर दी गई।लेकिन अचानक फिर पिछले वर्ष 2022 मे न.प.के रिकॉर्ड में दर्ज नाम के विपरीत कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पूर्व मे फर्जी तरीके से जारी किए गए प्रमाण पत्र जिसमें बंशीलाल मोतीलाल का नाम ऑफलाइन ऊपरी तौर पर चढ़ाया गया था।के आधार पर गोपाल कृष्ण बंशीलाल के नाम पर दान रजिस्ट्री कर दी गई।लेकिन जानकारी मिलते ही मेने आपत्ति दर्ज कराई जिस पर दिनांक 13 जनवरी 2023 को क्रमांक/ 124 राजस्व/2023 में नामांतरण को निरस्त कर दिया गया।लेकिन न.प.द्वारा शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज नाम के विपरीत ऊपरी तौर पर पूर्व में जारी किए गए फर्जी प्रमाण पत्र को आधार बनाकर गोपाल कृष्ण बंशीलाल के द्वारा अपर कलेक्टर कार्यालय में अपील की गई।जिस पर अपर कलेक्टर के द्वारा न.प. के द्वारा जारी किए गए फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर गोपाल के पक्ष में नामांतरण आदेश जारी कर दिया।जिसको आधार बनाकर पुनःन.प.के द्वारा गोपाल कृष्ण बंशीलाल के नाम पर नामांतरण कर दिया गया।लेकिन इसकी जानकारी मुझे नहीं दी गई।अंत मे परेशान होकर मेने (राजेंद्र कुमार) द्वारा दिनांक 25 अगस्त 2025 को लोक सेवा केंद्र नीमच में आवेदन देकर नगर परिषद से मांग की कि रतनगढ के वार्ड क्रमांक 8 में स्थित भवन क्रमांक 57 का किस आधार पर नामांतरण किया गया।नामांतरण में प्रयुक्त सभी दस्तावेजों की प्रतिलिपि मुझे प्रदान की जाए।जिस पर नगर परिषद के द्वारा 19 सितंबर को जानकारी प्रदान करने की बात कही गई। लेकिन तय दिनांक को पुनःजानकारी देने में आनाकानी करने लगे। जिस पर मेरे द्वारा नीमच कलेक्टर कार्यालय जन सुनवाई में पहुंचने पर अपर कलेक्टर के द्वारा इस प्रकार के प्रकरण या आदेश की कॉपी यहां होने में अपनी अनभिज्ञता जताई। नगर परिषद रतनगढ़ के अधिकारी कर्मचारीयो के द्वारा फर्जीवाड़ा कर कुटरचित दस्तावेज के आधार पर भारी भ्रष्टाचार करते हुए लापरवाही पूर्वक संपत्ति के वैध स्वामी की जानकारी के बगैर एक नहीं दो बार अवैध रूप से फर्जी तरीके से नाम जोड़कर नामांतरण कर एनओसी जारी कर दी गई।जिसका दुरुपयोग कर सामने वाले ने दान की रजिस्ट्री करा ली। जब मेरे द्वारा आपत्ति प्रस्तुति की गई तो नगर परिषद द्वारा दिनांक 1 जून 2022 को पत्र क्रमांक 1189/राजस्व इसे टंकण त्रुटि माना गया।बावजूद इसके सामने वाली पार्टी ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर महोदय को भी गुमराह कर फर्जी दस्तावेजो एवं प्रमाण पत्र के आधार पर नामांतरण आदेश जारी करवा लिया।प्रार्थी राजेंद्र कुमार ने दोषी कर्मचारियों एवं संबंधित व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज कर भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई कीए जाने की मांग की।एवं संपत्ति नामान्तरण प्रकरण की पुन:जांच कर न्याय प्रदान किये जाने की गुहार लगाई।