प्रशासनिक लापरवाही के चलते स्कूली बच्चे एवं ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर पुलिया व रपट के ऊपर पानी होने पर भी करते रहे पार
जाट। नीमच जिले के सिंगोली तहसील के अंतर्गत जाट क्षेत्र में लगता है। इस बार इंद्रदेव पूरी तरह से अपना रोद्र रुप दिखा रहे हैं।जहां पिछले 4 दिन पहले क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के कारण नदी नाले पूरी तरह से ऊफान पर आ गए एवं लोगों के खेतों एवं घरों में पानी भर जाने के साथ ही बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए थे। एवं ग्रामीणों की अधिकांश फसले पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। क्षेत्रीय विधायक सकलेचा के दौरे के दौरान अनुपस्थित पाए जाने पर पटवारी एवं सचिव को निलंबित कर दिया गया था।अब फिर से आज गुरुवार सुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा जो दोपहर बाद मूसलाधार बारिश के रूप में परिवर्तित हो गया।
जिससे जाट क्षेत्र के सभी नदी नाले उफान पर आ गए और सभी गांवो का आपस मे संपर्क टूट गया।जाट से विजयपुर मार्ग पर आने वाली लौटनी नदी पर भी पुलिया नहीं होने के कारण रोड के दोनों तरफ वाहनों का जमावड़ा लग गया। प्रशासनिक लापरवाही के चलते जाट विजयपुर मार्ग पर गोल डूंगरी की रपट पर पानी ज्यादा होने के बावजूद भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर वाहन सहित नदी पार करते रहे।वही श्रीपुरा और घाटी में एक बार फिर से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए। श्रीपुरा और घाटी में नाले में पानी ज्यादा आने के कारण मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। नाले के उस पार फंसे लोगो और स्कूली बच्चों को बहुत देर इंतजार करने के बाद ट्रैक्टर की सहायता से नाला पार ग्रामीणों ने दूसरी तरफ पहुंचाया। क्षेत्र में किसाने की बची हुई फसले भी पूरी तरह से नष्ट हो गई है। जिससे उनके अरमानों पर पूरी तरह से पानी फिर गया है।ग्रामीणो भरत धाकड़, हरिओम बैरागी, सोहनलाल धाकड़, घनश्याम धाकड़, सागरमल धाकड़, घीसालाल धाकड़, सुरेश धाकड़ आदी ने बताया कि आज दोपहर बाद हुई बारिश के कारण ऐसे हालात बन गए हैं।कि श्रीपुरा और घाटी गांव का अन्य गांवो से पूरी तरह से संपर्क टूट गया है। पूर्व में पटवारी एवं सचिव को निलंबित करने के बाद भी आज फिर से बाढ़ के हालात बनने पर भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा।
मजबूरन ग्रामीणों ने खुद ही स्कूली बच्चो और लोगों को ट्रैक्टर की सहायता से नाला पार करवाया।भारी बारिश के बाद किसानों के घरो व खेतों में भी पानी भर गया जिससे बची हुई फसल थी। वह भी पूरी तरह अब नष्ट हो चुकी है।हम सब पिडित ग्रामीण शासन प्रशासन से मांग करते हैं। कि बिना सर्वे कराए सभी किसानों को तुरंत मुआवजा प्रदान किया जाए। एवं श्रीपुरा एवं घाटी की पुलिया शीघ्र बड़ी बनाएं।