सिंगोली। स्थानीय श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दिनांक 28 अगस्त से प्रारंभ होकर दिनांक 6 सितंबर तक चलने वाले दस लक्षण महापर्व अत्यधिक धार्मिक वातावरण में भक्ति भाव पूर्वक पूर्णता की ओर अग्रसर हो रहे हैं इस विशेष अवसर पर यहां पर आगरा से पंडित श्री गणतंत्र जी शास्त्री एवं कोटा से पंडित श्री वंशित जी शास्त्री पधारे हुए हैं इन दोनों के सानिध्य में यहां पर प्रात: काल प्रक्षाल,पूजन उसके उपरांत प्रातः दोपहर एवं रात्रि मैं स्वाध्याय उसके उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज धर्म के दस लक्षण में उत्तम त्याग धर्म का दिन बताया इस अवसर पर बोलते हुए आगरा से पधारे पंडित श्री गणतंत्र जी ने कहा कि हमें त्रस एवं स्थावर जीवो की हिंसा का त्याग करना चाहिए और दान चार प्रकार का बताया है।
औषधी दान शास्त्र दान अभय दान एवं आहार दान यह चार प्रकार के दान बताएं जो हमे पात्र जीवो को देना चाहिए पात्रता की परिभाषा बताते हुए उन्होंने बताया कि पात्र तीन प्रकार के होते हैं। उत्कृष्ट पात्र सप्तम गुणस्थानवर्ती भाव लिंगी संत मध्यमपात्र पंचम गुणस्थानवर्ती श्रावक एवं जघन्य पात्र चतुर्थ गुणस्थान वर्ती अविरत सम्यक दृष्टि श्रावक इन लोगों को हमें दान देना चाहिए। यह हमें साक्षात सम्यक दर्शन का लाभ दिलाते है।