शीघ्र होगा चेतक पर सवार महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा की स्थापना एवं अनावरण के भव्य कार्यक्रम का आयोजन
रतनगढ़। सामाजिक समरसता, सर्वधर्म सद्भाव और भारतीय इतिहास के पूरोधा हिंदूआ सूरज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के आदर्श जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचाने एवं उनके विचारों और शौर्य को प्रचारित कर आज की युवा पीढ़ी को सामाजिक एकता व राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत करने व महाराणा के जीवन मूल्यों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से महाराणा प्रताप संघर्ष समिति रतनगढ़ क्षेत्र के तत्वावधान में पिछले दिनों स्थानीय बस स्टैंड परिसर नीमच सिंगोली रोड के नजदीक रतनगढ पर प्रस्तावित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की चेतक पर सवार विशाल प्रतिमा की स्थापना को लेकर क्षेत्र के राजपूत समाज एवं सर्व समाज के द्वारा सामूहिक रूप से एकमत होकर सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया।
शीघ्र ही रतनगढ़ नगर में भी महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा की स्थापना की जाए। इसके लिए मूर्ति के फाउंडेशन की नींव का मुहूर्त कर इस पुनित कार्य का श्रीगणेश किया जाए। इसके पश्चात दिनांक 2 सितंबर 2025 सोमवार को आसपास क्षेत्र के सभी ठिकानों से राजपूत समाज एवं सर्व समाज के बड़ी संख्या में समाज जन रतनगढ़ बस स्टैंड परिसर पर स्थित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना स्थल पर एकत्रित हुए एवं भगवान श्री गोवर्धन नाथ मंदिर रतनगढ के पुजारी एवं क्षेत्र के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित विष्णु दत्त व्यास के हाथों से महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त में विधि विधान से पूजा अर्चना कर पूरे उत्साह उमंग एवं जोश खरोश के साथ भूमि पूजन किया गया।
राजपूत समाज व सर्व समाज के वरिष्ठ जनों की उपस्थिति में नींव का पत्थर रखा गया। इस अवसर पर राजपूत समाज के सभी वरिष्ठ एवं युवा समाज बंधुओ ने जय शिवा सरकार की जय महाराणा प्रताप की, एवं एकलिंग नाथ के गगन भेदी जयकारों के साथ यह भी संकल्प लिया कि शीघ्र ही यहां वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की चेतक घोड़े पर सवार विशाल प्रतिमा की स्थापना की जाएगी।
इस ऐतिहासिक कार्य की आज हम सभी के द्वारा शुभ मुहूर्त में नींव रखकर शुरुआत कर दी गई है।इस अवसर पर महाराणा प्रताप संघर्ष समिति के आह्वान पर रतनगढ़ सहित गुंजालिया, माधुपुरा, देहपूर, गु़ंदीखेड़ा, नारदा, खजुरिया, लुहारिया चुंडावत, मोरवन, गुड्डाखेड़ा, जावदा, दोलपुरा, ग्वालियर कला, ग्वालियर खुर्द, लुहारिया जाट, किरता, मुकैरा, जेतपुरा, सांडा, चामुंडिया, देवरिया, बधावा, बल्दरखा, हाथीपूरा, उम्मेदपुरा, ताल, अथवा, जेतलिया, घोड़ा का मेघपूरा, हाड़ा की मोरवन आदि ठिकानों से बड़ी संख्या में राजपूत समाज के वरिष्ठ एवं युवा समाजजन रतनगढ़ में उपस्थित हुए।