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आजादी के 77 वर्ष बाद भी सड़क, शिक्षा व शमशान तक की मुलभुत सुविधा पाने के लिए भी तरस रहे हैं ग्रामीण

सत्यनारायण सुथार August 13, 2025, 8:19 am Technology

ग्राम पंचायत जाट के मुक्तिधाम सहित झोपड़ियां, बरखेड़ा मार्ग के हालात बद से बदतर, जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी एवं राजनेताओ का नही है इस तरफ कोई ध्यान।

जाट। नीमच जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर जावद विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर पर बसे सबसे बड़ी पंचायत ग्राम पंचायत जाट के अंतर्गत आने वाले आदिवासी गांव झोपड़ियां जहां पर ग्राम पंचायत जाट के सरपंच लालूराम भील स्वयं भी निवास करते हैं।यहां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं शिक्षा स्वास्थ्य सड़क से लेकर मुक्तिधाम की समस्याओं से निजात पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।वर्षों बीत जाने के बाद भी सड़क शिक्षा एवं शमशान की राह आसान नहीं है। ग्रामीणों को मृतक के अंतिम संस्कार के लिए गहरे पानी और कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।गत रविवार को भी सुथार समाज की महिला की मृत्यु हो जाने पर अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम स्थल पर पहुंचने के लिए लोगों को बहते पानी,कीचड़ व झाड़ियां के बीच निकलना पड़ा।ज्ञात रहे कि ग्राम जाट के सबसे पुराने इसी मुक्तिधाम परिसर पर स्थानीय जैन समाज, माहेश्वरी समाज, गुर्जर समाज, सुथार समाज, कुमावत समाज,रैगर समाज, ब्राह्मण, शर्मा समाज, माली समाज, हरिजन समाज के लोग अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा को लेकर निकलते हैं।साथ ही मुस्लिम पठान समाज का कब्रिस्तान भी इसी रास्ते से होकर आता है।यह रास्ता जाट से झोपड़िया तक जाता है।साथ ही झोपड़ियां से मिडिल स्कूल में पढ़ने के लिए स्कूली बच्चे दो बरसाती नालो को पार कर इसी रास्ते से होकर रोज जाट पहुंचते हैं।कई बार जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों सहित स्थानीय राजनेताओं व क्षेत्रीय विधायक सकलेचा को समस्या से लिखित व मौखिक कई बार अवगत कराने के बाद भी कोई सुध नहीं ली गई।सिंगोली तहसील क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत जाट में मुक्तिधाम पहुंचने के मार्ग में भी दो बड़े-बड़े बरसाती नालो को पार कर पानी में उतरकर भारी कठिनाइयों का सामना करते हुए शवयात्रा को ले जाना पड़ता है। इतना ही नहीं इसी मार्ग पर स्कूली बच्चों को नाला पार कर अपनी जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन आना जाना पड़ता है।और इसी रास्ते पर जाट से लगभग 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित झोपड़ियां,बरखेड़ा, तरौली का रोड भी पड़ता है। जो कि एकदम दयनीय स्थिति में पहुंच चुका है।ग्राम के देवीलाल भील, अमित भील, सत्यनारायण भील, मोतीलाल माली, लाभचंद भील, मांगीलाल भील, हेमराज भील, शांतिलाल रेगर, मोहनलाल माली, गोपाल रैगर,जयकुमार रेगर एवं बड़ी संख्या में जाट एवं झोपड़ियां के ग्रामीण जनों ने बरसाती नाले के यहां एकत्रित होकर उक्त समस्या का शिघ्र निराकरण कर पुलिया एवं सड़क निर्माण की मांग की। इस संबंध में जनपद पंचायत जावद के सीईओ आकाश धारवे से संपर्क करना चाहा लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गयाl

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