जावद। पूर्व मंत्री एवं विधायक ओमप्रकाश सकलेचा ने विधानसभा में कहा कि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) फंड के उपयोग में पारदर्शिता और स्पष्ट दिशा-निर्देश जरूरी हैं। विधानसभा में उन्होंने मांग की कि सीएसआर फंड का 50 प्रतिशत खर्च कंपनी अपनी योजना अनुसार करे, लेकिन शेष राशि पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी राय ली जाए, ताकि स्थानीय जरूरतों के अनुसार योजनाएं बन सकें। सकलेचा ने कहा कि अक्सर कंपनियां इंपैक्ट एरिया की बजाय अन्य क्षेत्रों में फंड का उपयोग कर देती हैं,
जबकि नियम के मुताबिक इसे प्रभावित क्षेत्र में ही खर्च होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इंपैक्ट एरिया की पूर्व परिभाषा हटा दी गई है, और यदि नहीं, तो उसका सख्ती से पालन करवाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बड़ी कंपनियां सीएसआर फंड को जनहित कार्यों के बजाय पीआर गतिविधियों में बदल देती हैं और स्थानीय क्षेत्रों के बजाय हेडक्वार्टर या अन्य जिलों में खर्च कर देती हैं।