नीमच । हरि अनंत हरि कथा अनंत होती है । भगवान की भक्ति सत्संग करना बहुत कठिन होता है। पुण्य कर्म के फल से ही इसका सौभाग्य मिलता है लेकिन भक्ति सेवा करना बहुत कठिन होता है। यह बात गुरुदेव रुद्रदेव जी त्रिपाठी (जावद वाले) ने कहीं। वे श्री हरि सत्संग मंडल एवं भक्तगण के तत्वाधान में गोमाबाई रोड स्थित लायन्स डेन सभागार में 11 जुलाई से 6 अगस्त तक आयोजित 27 दिवसीय संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा एवं पार्थिव शिवलिंग पूजन अभिषेक एवं रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा की सावन मास में शिव पुराण कथा को व्रत उपवास आदि के साथ श्रवण करें तो उसका धर्म लाभअधिक मिलता है।
शिव पुराण की कथा भगवान शिव ने स्वयं संनकादि ऋषियों को सुनाई है। शिव महापुराण के पुण्य के बराबरी कोई नहीं कर सकता है। शिव महापुराण कथा होती है वह स्थान तीर्थ हो जाता है। शिव महापुराण हृदय में विराजमान करने से पापी का मन पवित्र हो जाता है। जन्म से हर व्यक्ति शुद्ध होता है अपने कर्मों से व्यक्ति ब्राह्मण बनता है। तीर्थ दर्शन करें या ना करें माता-पिता को ही भगवान बनाकर स्मरण करना चाहिए । भगवान जैसा ही फल मिलता है। माता-पिता की सेवा से अष्ट सिद्धि नौ निधि प्राप्त होती है। शिव महापुराण कथा के मध्य रुद्र देवजी त्रिपाठी ने काशी विश्वनाथ, अमरनाथ, तुलसी, रामायण, वृंदा, जलंधर, शंकर भगवान युद्ध, केतकी, किर्ति मुख सिंह, कैलाश पर्वत, कुबेर, ब्रह्मा, माता पार्वती, खटं शुक्राचार्य, समुद्र मंथन, राक्षक देवता, शिव पार्वती, नारायण, समुद्र मंथन, लक्ष्मी देवी नारायण, देव ऋषि नारद, जलंधर, पतिवृता वृंदा, शंखचूड़, विभिन्न धार्मिक विषयों का वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया।
शिव महापुराण पोथी पूजन आरती मे बंसीलाल धनोतिया, राजेंद्र त्रिवेदी, ईश्वर धनोतिया, मुकेश पोरवाल, कमल उपाध्याय, भैरूलाल, बाबूलाल गुप्ता, दिलिप दुबे, गोपाल व्यास, विजय जोशी, मुकेश पाटीदार, राम निवास कदवा, एनके सोनार, ललिता माणे, राधा पोरवाल, हेमा जोशी रुक्मणी चौधरी, सत्यनारायण कुमावत, मंजू ओझा , तुलसी चौहान, मालती सोनार, जगदीश महेश्वरी, आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया कार्यक्रम की श्रृंखला में सुबह 8 से 8:30 बजे तक वेद पाठ, 9 से 10 बजे तक हवन, दोपहर 1 से 3 बजे शिव पुराण कथा, 3 से 4:30 बजे तक 27 हजार रुद्राक्ष शिवलिंग पूजन अभिषेक, सोमवार पार्थिव पूजन अभिषेक, सवालाख महामृत्युंजय मंत्र जाप, काल सर्प पूजन हवन शांति सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं।