नीमच ।कर्म भक्ति तपस्या करें तो अच्छा फल अवश्य मिलता है। मृत्यु के बाद संपत्ति साथ नहीं जाती है साथ जाते हैं तो केवल पाप और पुण्य पुरुषार्थ के कर्म साथ जाते हैं। इसलिए हमें सदैव पुण्य कर्म करते रहना चाहिए पाप से सदैव बचना चाहिए। यह बात आचार्य प्रशमेश प्रभ सुरीश्वर जी महाराज ने कही। वे जैन श्वेतांबर भीड भंजन मंदिर मंडल ट्रस्ट पुस्तक बाजार नीमच के तत्वाधान में जैन भवन में आयोजित चातुर्मास अमृत प्रवचन श्रृंखला की धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि हम भौतिक मोह माया नहीं छोड़ेंगे तो हमारी दुर्गति तय है। यदि हम संपत्ति में मोह रखते हैं तो हमें सांप बिच्छू छिपकली बनकर वापस जन्म लेना पड़ता है इसलिए धन संपत्ति को समय-समय दान भी करना चाहिए। आचार्य भगवंत विजय प्रशमेश प्रभ सूरीश्वरजी मसा एवं मुनिराज नीति प्रभ विजयजी मसा आदि ठाणा 2 एवं साध्वी जी श्रुतवर्धना श्रीजी मसा एवं साध्वी जी विरति प्रिया श्रीजी मसा आदि ठाणा 9 का का चातुर्मास में सानिध्य प्राप्त हो रहा है। आचार्य के प्रवचन जैन भवन में सुबह 9 बजे होंगे, । । इस अवसर पर वरिष्ठ संघ पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित थे। । श्री भीड़ भंजन श्रीसंघ में चातुर्मास के लिए पधारे आचार्य भगवंत नुतन आराधना भवन पर विराजित पूज्य आचार्य भगवंत एवं साध्वी जी मसा के प्रवचन में समय पर पधारकर दर्शन वंदन का धर्म पुण्य लाभ लेवें,