चीताखेडा ।अंचल में झमाझम बारिश हेतु इन्द्र देव को प्रसन्न करने, पशुओं में महामारी रोकथाम प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा, देश एवं अंचल की सुख-समृद्धि की कामना करने के लिए रविवार को चौताखेडा ग्रामवासियों द्वारा खेडादेवत पूजा कर इंद्रदेव को राजी करने के लिए किया टोटका, मनाई उज्जैयिनी । ग्रामवासियों द्वारा गांव के कुछ ने अपने ही घरों में तो कई लोगों ने गांव से बाहर खेत, कुओं व खलिहानों पर पहुंच कर चुरमा-बाटी बनाकर ईष्ट देवता एवं पारिवारिक पुर्वजों को भोग लगाकर सभी अपने- अपने ईष्ट देवी देवताओं का सुमिरन कर प्रसन्न करने हेतु किया टोटका वर्तमान में खरीफ की मुख्य फसलें सोयाबीन, मक्का, मुंगफली, उड़द सहित सभी फसले पूरे यौवन पर है। जिन किसानों ने अंकुरित नहीं होने पर दुबारा बोवनी की है उसके बाद बारिश नहीं आने से फसलें मुरझा गई है बारिश की शक्त आवश्यकता है। रिमझिम बरसात हुई है जो वर्तमान में फिलहाल बहुत ही कम है, अभी कुएं, नदी, तालाब खाली पड़े हुए हैं। क्षेत्र में प्रर्याप्त एवं झमाझम बारिश, देश में अमन चैन, गांव की सुख-समृद्धि, पशुओं में महामारी से बचाव हेतु गांव से बाहर पशुओं को निकाला गया। गांव में विराजमान देवी देवताओं के पुजारियों द्वारा शनिवार-रविवार की रात्रि को मंदिरों में रात्रि जागरण कर हवन पूजन किया गया।
तथा रविवार को अल सुबह 4 बजे से ही बस स्टैंड पर पशुओं की महामारी बीमारी से सुरक्षा हेतु सुरक्षा बंधन वार बांधी गई और वहां मंदिरों में हवन पूजन से अभिमंत्रित जल से पशुओं पर नीम की पत्तियों से छिडकाव कर टोटका किया गया । तथा दोपहर बाद गांव के सीतलामाता मंदिर पर ग्रामीणों द्वारा सामूहिक रूप से इन्द्र हवन पूजन किया गया। धर्म प्रेमी नाथूलाल बंजारा, हुकमीचंद जावरिया, कन्हैयालाल माली, मोहन लाल, छगन लाल साल्वी, मंगल जावरिया, चंपालाल माली, गोतम लाल (काका) सहित कई वरिष्ठ जनों ने ढोल ढमाको के साथ गांव के सभी देवी-देवताओं को सिंदूर, पन्नी पाटा का चोला चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया, और गांव हेमाडा पर गांव महामारी बीमारी को रोकने हेतु सुरक्षा (कार) डोर बांधकर पशुपालकों ने जल का छिड़काव करवाने का टोटका किया।
गांव के कुछ धर्म प्रेमी समझ होटल व्यवसाईयों ने स्वैच्छिक अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखें।