आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, लोगों के पास अपनी सेहत का ध्यान रखने का समय नहीं है। यही कारण है कि कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त पदार्थ है जो हमारे शरीर में पाया जाता है। यह हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन जब इसका स्तर बढ़ जाता है, तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। चुस्त दुरुस्त रहने के लिए वॉकिंग अच्छी एक्टिविटी है लेकिन कई बार कोलेस्ट्रॉल की वजह से शरीर में कुछ संकेत दिखाई देते हैं जिन्हें नज़रन्दाज नहीं करना चाहिए।
बैड कोलेस्ट्रॉल के लक्षण:-
बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के बढ़ने के लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते हैं। यही कारण है कि इसे "साइलेंट किलर" कहा जाता है। लेकिन, कुछ संकेत हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत दे सकते हैं। पैरों में दर्दः चलते समय पैरों में दर्द होना बैड कोलेस्ट्रॉल का एक लक्षण हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर पिंडलियों, जांघों या कूल्हों में होता है।
पैरों में भारीपन या थकानः
चलते समय पैरों में भारीपन या थकान महसूस होना भी बैड कोलेस्ट्रॉल का एक लक्षण हो सकता है।
• पैरों में झुनझुनी या सुन्नपनः
चलते समय पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होना भी बैड कोलेस्ट्रॉल का एक लक्षण हो सकता है।
पैरों की त्वचा का रंग बदलनाः-
लचलते समय पैरों की त्वचा का रंग बदलना भी बैड कोलेस्ट्रॉल का एक लक्षण हो सकता है। त्वचा का रंग पीला, सफेद या नीला हो सकता है।
• सीने में दर्दः
चलते समय सीने में दर्द होना भी बैड कोलेस्ट्रॉल का एक लक्षण हो सकता है। बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हृदय रोग, स्ट्रोक और पेरिफेरल धमनी रोग जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल को कैसे कम करें?
स्वस्थ आहारः-
फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। नियमित व्यायामः रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें।
वजन नियंत्रणः स्वस्थ वजन बनाए रखें। धूम्रपान छोड़ेंः धूम्रपान हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है। • शराब का सेवन कम करें: अधिक मात्रा में शराब का सेवन हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है। यदि आपको चलते समय ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।