नीमच। श्री कृष्ण ने भी गौ सेवा की और गाय पालन का संदेश संसार को दिया। गौ माता जीते जी गोबर का खाद और दूध पिलाकर संसार का पालन करती है। मरने के बाद उसकी हड्डियां खाद बनकर खेतों में संसार पालन में सहयोगी बनती है। इसलिए गौमाता जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी मानव सेवा करती है। इसलिए गौ माता की रक्षा करना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य होता है। गौ माता की सेवा ही राष्ट्र विकास का प्रमुख आधार है। यह बात स्पेंटा पेट्रोल पंप के पीछे स्थित श्री शनिदेव मंशा पुर्ण महादेव मंदिर इंदिरा नगर नीमच के श्रीमद्भागवत पांडाल में आप और हम प्रेमी जन मंडल नीमच के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में श्रीमद् भागवत प्रवक्ता पंकज कृष्ण महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण का जेल में जन्म होना संसार को यह संदेश देता है कि विषमताओं में भी सकारात्मक सोच हो तो कठिन से कठिन लक्ष्य को भी सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। वक्षासुर वध संसार को यह संदेश देता है कि यदि मन की चंचलता सादगी सरलता छूट जाएगी तो संसार में सफलता नहीं मिलती है।
परमात्मा की प्राप्ति के लिए पूजा पाठ में मन की चंचलता को त्यागना होगा और मन से परमात्मा को समर्पित भाव से याद करना होगा तभी परमात्मा मिल सकते हैं। अघासुर राक्षस का वध यह संदेश देता है कि परमात्मा को प्राप्त करना है तो संसार में रहते हुए आलस्य को त्याग कर परमात्मा की भक्ति करना होगी तभी सफलता मिल सकती है। कालिया नाग का मर्दन यह संदेश देता है कि यदि जल सरंक्षण नहीं किया तो संसार में जीना कठिन हो जाएगा। गोवर्धन पर्वत पूजन हमें यह संदेश देता है कि यदि हमने पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा नहीं की तो प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाएगा और बरसात नहीं होगी यदि हम क्षेत्र में अच्छी बरसात चाहते हैं तो पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करें। हम हर पल परमात्मा को याद करें और दान पुण्य कर उन्हें परमार्थ के पुण्य कर्म करें तभी हमारे जीवन में सफलता मिल सकती है परमात्मा को गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं तो ओजोन मंडल के होने वाले छेद भी भर सकते हैं। सभी लोग और युवा वर्ग अपना जन्मदिन विवाह की वर्षगांठ दादा दादी की पुण्य स्मृति आदि मांगलिक कार्यक्रमों को गौशाला मैं गौ सेवा कर मनाना चाहिए तभी हमारा जीवन सफल और सार्थक सिद्ध हो सकता है और तभी गौ माता की रक्षा भी साथ-साथ हो सकती है। गौ माता की सेवा का फल अश्वमेध यज्ञ के फल के समान होता है। गौ माता की सेवा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस अवसर पर भगवान को भोग लगाकर आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
आरती में श्री मती मालती चांदमल नागर, सोनू शर्मा, पार्षद हरगोविंद दीवान, सहभागी बने। कृष्ण जन्म में जय कन्हैया लाल की की जय घोष लगी.... भागवत कथा के मध्य जब पंकज कृष्ण महाराज ने कृष्ण जन्म का प्रसंग बताया तो श्री बाल कृष्ण जी की झांकी ने भक्ति पंडाल में प्रवेश किया। तो श्रद्धालु भक्तों ने पुष्प वर्षा से स्वागत कर अगवानी की। बाल कृष्ण नन्हे आठ माह के बालक विनायक वर्षा सोनु शर्मा को श्रंगारित किया गया। भक्ति पंडाल में जय जय श्री कृष्ण की जय घोष लगने लगी।