नीमच। जिले में सभी पुरानी दुग्ध समितियोंएवं अक्रियाशील सहकारी समितियों को पुर्नजीवित करवाएं। नवीन दुग्ध समितियां गठित करवाएं। यह निर्देश कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने गुरूवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में एपीसी बैठक के एजेंडे के बिंदुओं एवं पिछली एपीसी बैठक में दिए गए निर्देशों के पालन प्रतिवेदन पर चर्चा करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ अरविंद डामोर, सहायक आयुक्त सहकारिता राजू डाबरसहित कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के आर.पी.नागदा को निर्देश दिए कि वे सहकारीसमितियों का एनपीए 5 प्रतिशत से नीचे लाने का हर संभव प्रयास करें और जिले की 10 सहकारी समितियों को 0 प्रतिशत एनपीए वाली समिति बनाए। मत्स्य विभाग को निर्देशित किया गया कि जिले के ऐसे सभी जलाशय जिनमें मत्स्य पालन किया जा सकता है, उन सभी में मत्स्य पालन करवाएं। उन्होने जिला पंचायत से सूची प्राप्त कर अमृत सरोवरों में भी मत्स्य पालन करवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पशुपालन विभाग द्वारा जिले को प्रदत्त पशु उपचार वाहनों का अधिकतम उपयोग करने और अधिकाधिक पशुओं का इन वाहनों के माध्यम से उपचार करवाने के निर्देश भी उप संचालक पशुपालन को दिए।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पशुपालन विभाग जिले में 100 पशुपालकों को ऋण उपलब्ध करवाकर, 100 गाय या भैस पालन के लिए नये पशु उपलब्ध करवाएं। साथ ही 10 हजार पशुपालकों को केसीसी कार्ड जारी करवाएं। उन्होनें बकरी पालन के प्रकरण तैयार कर, हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में समर्थन मूल्य पर सोयाबीन उपार्जन के लिए 9828 किसानों ने पंजीयन करवाया था, इनमें से 4496 किसानों से 9600 मैट्रीक टन सोयाबीन का उपार्जन किया जा चूका है। उपार्जित फसल का भूगतान भी कर दिया गया है। जिले में उर्वरक की कोई समस्या नहीं है। वर्तमान में 6021 मैट्रीक टन उर्वरक उपलब्ध है।
कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को सुपर सीडर एवं अन्य कृषि यंत्र किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराने के लिए लक्ष्य प्रदान करने के लिए शासन को प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश भी दिए।