झारखंड विधानसभा चुनावों के आखिरी चरण में भाजपा बंटेंगे तो कटेंगे के चुनावी नारे पर बंटती नजर आ रही है। योगी आदित्यनाथ के इस नारे का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस भी कर चुके हैं। हालांकि कई पार्टी नेताओं ने इससे कन्नी काटते हुए एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे की बात कही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य का कहना है कि हम बंटेंगे तो कटेंगे में नहीं, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे में यकीन करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेता नरेंद्र मोदी है। इधर पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं कि न बंटेंगे, न ही दूसरों का बांटना है। पूरे देश को साथ ही रहना है। महाराष्ट्र में भाजपा की दिग्गज नेता पूनम महाजन भी पहले ही इस नारे से पल्ला झाड़ चुकी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की नेता हूं सिर्फ इसलिए समर्थन नहीं करूंगी। मेरा मानना है कि हमें विकास पर ही काम करना चाहिए। महाराष्ट्र में इसकी जरूरत भी नहीं है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए अशोक चव्हाण भी इस नारे से खुश नहीं है। उनका कहना है कि यह भाजपा का नारा नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुंबई के कई इलाकों में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर और 'बंटेंगे तो कटेंगे' संदेश वाले पोस्टर लगाए गए थे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने कहा कि उनकी पार्टी ने पोस्टर नहीं लगाए हैं।
महायुति भी नाराज: योगी का महायुति का नारा नेता नाराज बताए जा रहे हैं। एनसीपी नेता अजित पवार ने खुलकर इस नारे का विरोध किया। उन्होंने साफ कहा कि ऐसा नारा महाराष्ट्र में काम नहीं करने वाला। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पीएम मोदी और योगी चाहते हैं कि भाजपा और उसके सहयोगी साथ मिलकर चुनाव लड़ें। इसी वजह से यह नारा दिया गया है। गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता आदित्यनाथ ने अगस्त में लोगों से समृद्धि की पराकाष्ठा पर पहुंचने के लिए एकजुट रहने का अनुरोध करते हुए कहा था कि बांग्लादेश में जो गलतियां हुई हैं, वे भारत में नहीं होनी चाहिए। आगरा में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा था कि आप देख रहे हैं बांग्लादेश में क्या हो रहा है? वे गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। बंटेंगे तो कटेंगे। एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की पराकाष्ठा पर पहुंचेंगे।