नीमच।,निमोनिया के प्रारंभिक लक्षणों की समय से पहचान , प्रारंभिक उपचार एव उचित स्वास्थ्य संस्था में रैफर करने संबंधी जनजागरूकता से बच्चों की निमोनिया से होने वाली मृत्यु में कमी लाई जा सकती है। इसी को ध्यान रखते हुए जिले में 12 नवम्बर से 29 फरवरी तक ‘’सांस अभियान’’ का आयोजन किया जा रहा हैं।
इस अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ता , सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी एवं आशा कार्यकर्ता, निमोनिया की जल्द पहचान करने के लिये विशेष अभियान चलाऐंगे। यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश प्रसाद ने बताया, कि सर्दियों में नवजात शिशुओं को निमोनिया होने की अत्याधिक संभावना रहती है। ग्रामीण क्षैत्र में जागरूकता की कमी के कारण समय पर बच्चें स्वास्थ्य संस्थाओ पर नही पहुचं पाते है।ऐसे बच्चें को अस्पताल में जल्दी पहुचाने के लिये चिन्हाकन अभियान चलाया जावेगा। उक्त अभियान का विधिवत शुभारंभ जिला चिकित्सालय के नवजात शिशु गहन चिकित्सा ईकाई से किया गया जहॉं पर नवजात शिशुओं एवं धात्री महिलाओं को जिला टीकाकरण अधिकारी डा. बी.एल.सिसोदिया द्वारा कंगारू मदर केयर , स्तनपान, टीकाकरण, व्यक्तिगत स्वच्छता जैसे विषय पर जानकारी दी।
डा.सिसोदिया ने महिलाओं को समझाईश दी, कि बच्चें को छः माह तक सिर्फ स्तनपान ही करवाना है तथा उसके बाद उपरी पूरक पोषण आहार देना है। उपस्थित महिलाओ को डी.पी.एम. एवं डी.सी.एम. ने भी जानकारी प्रदाय की। ‘’सांस अभियान’’ में प्रत्येक स्तर पर निमोनिया एवं दस्त रोग से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिये किये जाने वाले प्रयासो के सम्बन्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जावेंगे।