नीमच। आचार्य विद्या सागर गौ-संवर्धन योजना का लाभ लेकर उन्नत नस्ल का गौ-पालन कर, किसान एवं पशुपालक निर्मल पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गये है। इस योजना ने उनका जीवन स्तर काफी बदल दिया है। वे अब प्रगतिशील किसान के रूप में पहचाने जाते है। परम्परागत रूप से खेती करने वाले नीमच जिले की मनासा जनपद के ग्राम चुकनी निवासी किसान निर्मल पाटीदार पहले कृषि कार्य से बमुश्किल अपने परिवार का खर्च चला पाते थे। वर्ष 2005 में निर्मल के पिता रतनलाल पाटीदार की एक प्रगतिशील पशुपालक से मुलाकात हुई।
उनसे प्रेरित होकर, रतनलाल ने बैंक ऋण लेकर दो शंकर नस्ल की गायें खरीदी। जिससे, उन्हें 300 रूपये रोज की आमदनी होने लगी। अपने पिता रतनलाल पाटीदार के पशुपालन कार्य में निर्मल ने भी हाथ बटाना प्रारंभ किया। निर्मल कुमार ने वर्ष 2017-18 में पशुपालन अधिकारी डॉ.राजेश पाटीदार से मार्गदर्शन प्राप्त कर, आचार्य विद्या सागर गौ-संवर्धन योजना के तहत 10 क्रासब्रीड गायों को पालने के लिए ऋण लिया और राजस्थान से गायें खरीद कर, पशुपालन कार्य करने लगे। पशुपालक निर्मल पाटीदार कहते है, कि वर्ष 2018 से उनके पास उन्नत नस्ल की 10 गायें हो गई है। इससे उन्हें 900 रूपये प्रतिदिन आय होने लगी तथा जीवन-यापन में सुधार होने लगा। वर्ष 2020 तथा 2021 में उन्होने 30 लीटर सुबह व 40 लीटर दूध शाम को कुल 70 लीटर दूध प्रतिदिन सांची दुग्ध संघ की डेयरी पर बिक्री किया, जिससे उन्हें 1500 रूपये प्रतिदिन की आय हुई।
इस प्रकार मासिक रूपये 45000 रूपये तथा 4.5 से 5 लाख तक वार्षिक आय हुई। पशुपालन से अरिरिक्त (दुध व गोबर की खाद) की आय से वर्ष 2019 में निर्मल ने ट्रेक्टर खरीदा, जिसकी किश्त भी दूध बेचकर होने वाली आय से चुका रहे है। वर्ष 2021 में पशुओं के लिए 1600 वर्ग फीट का शेड (जिसमें फर्श सी.सी.) का बनवाया है। इस शेड में पशुओं के लिए पंखे लगे है। चारे की कुट्टी बनाने के लिए विद्युत चलित चैफ कटर लगा लिया है। इसी तरह आचार्य विद्या सागर गौ-संवर्धन योजना का लाभ लेकर उन्नत नस्ल का गौ-पालन कर, किसान एवं पशुपालक निर्मल पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गये है। इस योजना ने उनका जीवन स्तर काफी बदल दिया है। वे अब प्रगतिशील किसान के रूप में पहचाने जाते है।