नई दिल्ली। वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार टोल नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है। देशभर में जल्द ही सैटेलाइट आधारित टोल टैक्स कलेक्शन लागू किया जाएगा। सड़क परिवहन और रोजमार्ग मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 में बदलाव किया है। मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक जल्द ही देश भर में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) की शुरुआत होगी। इस प्रणाली के जरिए हाइवे पर 20 किलोमीटर तक की आवाजाही मुफ़्त होगी। सरकार की कोशिशों के बावजूद नहीं रुक रही प्याज की बढ़ती कीमत! 80 रुपये किलो तक पहुंची सरकार की कोशिशों के बावजूद नहीं रुक रही प्याज की बढ़ती कीमत! 80 रुपये किलो तक पहुंची ये हैं नए नियम नए सिस्टम के लागू होने के बाद राष्ट्रीय परमिट वाले वाहन के अलावा अन्य वाहनचालक, मालिक, प्रभारी व्यक्ति जब भी राष्ट्रीय राजमार्ग, पुल, बाईपास और सुरंग से गुजरने पर एक दिन में प्रत्येक 20 किलोमीटर की यात्रा पर शून्य टैक्स लगेगा। इतनी दूरी तय होते ही वास्तविक यात्रा का टैक्स कटेगा। इस सिस्टम के लागू होने बाद टोल प्लाज़ा पर गाड़ियों को रुकने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। कैसे काम करेगा नया सैटेलाइट सिस्टम? नए सैटेलाइट सिस्टम “जीएनएसएस” का ट्रायल अब तक चार हाईवे पर किया जा चुका है। पूरा सिस्टम जीपीएस पर आधारित होगा। शुरुआती 20 किलोमीटर की आवाजाही के बाद ऑटोमैटिक टोल टैक्स कट जाएगा। इसके पहले टोल टैक्स की वसूली नहीं की जाएगी। जीएनएसएस सिस्टम के तहत वाहनों पर जीपीएस लगाया जाएंगे। ऑन बोर्ड यूनिट (OBU) के साथ जीपीएस लगा हुआ। इसकी मदद से वाहन की तय की गई दूरी को ट्रैक करेगा।
सड़क पर लगे कैमरे भी सैटेलाइट से कनेक्टेड होंगे। बता दें कि नई टेक्नोलॉजी FASTag से जुड़ी होगी। मतलब फास्टैग यूजर्स ही इस प्रणाली का लाभ उठा पाएंगे। अगस्त में हुआ फास्टैग से जुड़ा ये नियम बता दें कि टोल प्लाज़ा पर लगने वाली भीड़ को खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव किया था। ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में बदलाव करते हुए NCMC और फास्टैग को स्वतः पुनः-पूर्ति की अनुमति प्रदान की थि। इसके जरिए यूजर्स को बार-बार रिचार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। न ही गाड़ी रोककर इंतजार करना पड़ता है। निर्धारित सीमा से कम राशि होने पर ऑटोमैटिक फास्टैग में पैसे जुड़ जाते हैं। About Author Manisha Kumari Pandey Manisha Kumari Pandey पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"