नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए 2024-25 के बजट को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाने वाला महत्वपूर्ण बजट करार दिया। उन्होंने कहा कि यह समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है। उन्होंने एक वीडियो संदेश के माध्यम से बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 'उत्प्रेरक' का काम करेगा और विकसित भारत की नींव भी रखेगा। वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम को इस बजट के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
और इससे नया मध्यम वर्ग बना है, यह उनके सशक्तीकरण की निरंतरता का भी बजट है। उन्होंने कहा कि यह नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है। इस बजट से शिक्षा और स्किल (कौशल) को नयी गति मिलेगी। यह मध्यम वर्ग को नई ताकत देने वाला बजट है। यह जनजातीय समाज, दलित, पिछड़ों को सशक्त करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है। साल में ये सुनिश्चित किया है कि गरीब और मध्यम वर्ग को लगातार टैक्स से राहत मिलती रहे।
इस बजट में भी इनकम टैक्स में कटौती और स्टेंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि का बहुत बड़ा फैसला लिया गया है। टीडीएस के नियमों को भी सरल किया गया है। इन कदमों से हर टैक्सपेयर को अतिरिक्त बचत होने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और इससे छोटे व्यापारियों व लघु उद्योगों को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसमें विनिर्माण और अवसंरचना विकास पर भी बल दिया गया है जिससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी और निरंतरता मिलेगी। रोजगार और स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसर को अपनी सरकार की पहचान करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का बजट इसे और सुदृढ़ करता है। रोजगार संबंधी बजट घोषणाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश में करोड़ों नए रोजगार बनेंगे और जीवन में पहली नौकरी पाने वाले युवा की पहली तनख्वाह सरकार देगी। मोदी ने बिना गारंटी मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख से बढ़कर 20 लाख रुपए बढ़ाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे छोटे कारोबारियों विशेष रूप से महिलाओं, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों में स्वरोजगार को बल मिलेगा। हम सब लोग मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाएंगे।