नीमच की जनता की प्यास बुझाने वाले जाजू सागर डेम से हो रही पानी चोरी को कानूनी चौला पहनाने को आतुर परिषद- अमित शर्मा

Neemuch headlines June 21, 2023, 1:30 pm Technology

पूर्व पार्षद ने लगाए मिलीभगत के आरोप

नीमच। शहर की जनता की प्यास बुझाने के लिए कई वर्षों पहले जब जाजू सागर डैम का निर्माण हुआ था तब शहर की जनसंख्या लगभग 30,000 और इतने ही लोगों की प्यास बुझाने के लिए इस डैम की क्षमता को रखा गया था ।

लगातार शहर की जनसंख्या बढ़ती गई और आज वह जनसंख्या बढ़कर लगभग डेढ़ लाख हो गई है परंतु जाजू सागर डैम की क्षमता उतनी ही है । वर्ष 2011 से पहले जाजू सागर डैम से लगातार पानी चोरी होता रहता था और डैम के डूब क्षेत्र में अवैध खेती भी होती थी वर्ष 2011 में पार्षदों की सक्रियता के चलते जिला कलेक्टर को जाजू सागर डैम के डूब क्षेत्र में हो रही अवैध खेती और पानी चोरी को रोकने का आदेश पारित करना पड़ा था । तब से ही जाजू सागर डैम के डूब क्षेत्र में हो रही खेती पर रोक लगा दी गई थी जब से डैम से हो रहे पानी चोरी और अवैध खेती पर रोक लगी तब से शहर में पेयजल संकट उत्पन्न नहीं हुआ परंतु वर्तमान परिषद के बेतुके निर्णय से ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान परिषद ने नीमच की जनता की प्यास बुझाने वाले जाजू सागर डैम से पानी चोरी करवाने का फिर ठेका ले लिया है । यह बात प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्व पार्षद एवं एडवोकेट अमित शर्मा द्वारा कही गई ।

नीमच की जनता की प्यास बुझाने वाले जाजू सागर डैम डूब क्षेत्र की भूमि को खेती के लिए लीज पर देना सीधे-सीधे नीमच शहर की जनता के साथ छल करने जैसा है । परिषद के इस बेतुके निर्णय से ऐसा प्रतीत होता है की जाजू सागर डूब क्षेत्र में खेती के लिए हो रही पानी चोरी को परिषद द्वारा प्रस्ताव पारित कर कानूनी चौला पहनाया जा रहा है । इस संबंध में जो प्रस्ताव नीमच नगर पालिका परिषद की बैठक में पारित किया गया है वह पूर्ण रूप से गलत है और नीमच शहर की जनता के हितों पर कुठाराघात है । यदि डैम के डूब क्षेत्र में खेती की अनुमति दी जाती है तो इससे आने वाले समय में नीमच शहर की जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है और यदि ऐसा होता है तो इसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार नीमच नगर पालिका अध्यक्ष एवं नीमच नगर पालिका परिषद के पार्षद होंगे ।

पूर्व पार्षद एडवोकेट अमित शर्मा द्वारा यह भी बताया गया कि परिषद के इस फैसले को नगरपालिका अधिनियम की धारा 323 के तहत कलेक्टर न्यायालय में चुनौती भी दी जाएगी और इस प्रस्ताव को जनहित में निरस्त करने की मांग की जाएगी।

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