शिक्षकों की कमी के कारण छात्र व छात्राएं स्कूल छोड़ने को मजबूर, दो अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित माध्यमिक विद्यालय परलाई

प्रदीप जैन January 13, 2023, 1:05 pm Technology

शिक्षकों की कमी के चलते कक्षा 1 से 8 तक बच्चे एक चबूतरे पर बैठ कर पढ़ाई करने को मजबूर

सिंगोली। जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिंगोली तहसील का ग्राम परलाई के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्र एवं छात्राओ को शिक्षकों की कमी के चलते विद्यालय परिसर में स्थित चबूतरे पर एक साथ पढ़ाई करने को मजबूर है इतना ही नही स्कूल मे पीने का पानी नही होने के कारण बच्चों को पीने का पानी भी घर से बोतल में भरकर लाना पड़ता है। सिंगोली बालिका उ.मा. वी संकुल के अंतर्गत ग्राम परलाई में प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में कुल 79 छात्र एवं छात्राओ का नाम रिकार्ड में दर्ज है। यहां सिर्फ दो अतिथि शिक्षकों के भरोसे पुरा स्कूल संचालित किया जा रहा है।

स्कूल परिसर में पेयजल की व्यवस्था नही होने से बूंद बूंद को तरस रहे छात्र :-

शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में पेयजल आपूर्ति की सारी व्यवस्थाए फेल हो चुकी है । जंहा बच्चों को पीने का पानी नसीब नही हो रहा हैं । केंद्र और राज्य सरकार की और से लाखों रुपये खर्च कर शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास किया जा उस प्रयास पर यहां पानी फिरता दिखाई दे रहा है। हम बात करे स्वच्छता की तो स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्कूलों में शौचालय तो बना दिये गए पर स्कूलों में पानी नही होने के कारण स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

छात्र-छात्राओ के पालक एवं अभिभावकों ने बताया कि शिक्षकों की कमी के चलते छात्र छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकार की शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्ता पर लाने के तमाम दावों की पोल सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय परलाई में खुलती देखी जा सकती है। स्कूल में अंग्रेजी सहित अन्य महत्वपूर्ण विषय के अध्यापकों के पद रिक्त होने से छात्र छात्राओं का भविष्य भी अंधकार में है। कुल मिलाकर स्कूल में छात्र छात्राओं की पढ़ाई नहीं हो रही है। जिसके कारण कई छात्र छात्राओं ने स्कूल में आना भी बंद कर दिया है। एक तरफ सरकार द्वारा पुरे प्रदेश मे सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए डोर टू डोर अभियान भी चलाया जा रहा था वही इधर अध्यापकों की कमी के कारण बच्चों को सरकारी स्कूल छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच प्रभुलाल मीणा ने बताया कि पूर्व में इसी विद्यालय में करीब 200 छात्र एवं छात्राए पढ़ाई करती थी लेकिन स्कूल में शिक्षकों की कमी व सबसे बड़ी ज्वलंत समस्या पीने के पानी की हे यहां बच्चो को बूंद बूंद के लिये तरसना पड़ रहा है। बच्चे मध्यान्ह भोजन तो स्कूल में करते लेकिन पानी पीने घर जाना पड़ता है। पानी जैसी मूलभूत सुविधा नही मिलने से स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चे इधर उधर भटक कर अपना समय पास कर रहे है। ग्राम परलाई के आजाद हुसैन ने बताया कि यहाँ के सरकारी स्कूल में पानी की उचित व्यवस्था नही होने से देश का भविष्य परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जंहा सरकार सब पढ़े सब बढ़े और स्कूल चले हम जैसे नारो से बच्चों को विद्यालय आने के लिए प्रेरित करती है लेकिन स्कूल के हालात ऐसे है कि कोई सरकारी स्थाई टीचर नही व पीने का पानी तक नसीब नही हो तो बच्चे स्कूल कैसे जाए।

स्कूल की कक्षा 7 वी की छात्रा कुमारी टीना सेन ने बताया कि स्कूल में पिछले कई महीनों से अंग्रेजी सहित अन्य विषयों के अध्यापक नहीं होने से हमारी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है । विद्यालय में पदस्थ अतिथि शिक्षक रामलाल ने बताया कि अधिकारियों को कई बार लिखित में मांग पत्र देकर अध्यापकों की स्कूल में कमी को पूरा करने को लेकर गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ।

हमे मजबूरन शिक्षकों की कमी के चलते कक्षा 1 से 8 वी तक के सभी छात्र एवं छात्राओ को एक साथ बिठाकर पढ़ाई कराना पड रही है। अथिति शिक्षको का कहना हे की पीने के पानी की समस्या को लेकर हमने गांव के वरिष्ट जन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया लेकिन कोई हमारी सुध लेने वाला नही है आप ही बताओ हम क्या कर सकते ।

इनका कहना :-

स्कूल परिसर में स्थित सरकारी बोर में जल सप्लाई की मोटर खराब पड़ी हुई है हमने पीएचई विभाग को अवगत करा दिया गया लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान ही नही दिया ।

खराब मोटर के चलते बच्चों को पीने के पानी की समस्या हो गयी।

-बाबूलाल धाकड़, सरपंच ग्राम पंचायत परलाई। स्कूल में बच्चों के पीने के पानी की कमी ओर शिक्षको के पद खाली है यह जानकारी आप से प्राप्त हुई त्वरित समस्या का समाधान कर दिया जायेगा।

- शिवानी गर्ग, अनुविभागीय अधिकारी जावद। बच्चों के पीने के पानी की समस्या किस कारण बनी हुई इसकी हम जांच कराकर पीने के पानी का पर्याप्त इंतजाम कराया जाएगा । वही शिक्षकों के रिक्त पदों की जल्द भरपाई कर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नही होने देंगे।

- सीके शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी नीमच परलाई स्कूल शिक्षक विहीन है। यहां नियमित स्थाई शिक्षकों का तबादला शासन ने अन्यंत्र स्थान पर हो जाने से यह समस्या पैदा हुई परलाई सहित अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी का दंश झेलना पड़ रहा है हमने हमारे उच्च अधिकारियों को समस्याओं से अवगत करा दिया है जल्द ही समस्या का समाधान भी हो जाएगा।

- राजेन्द्र कुमार जोशी, संकुल केंद्र प्रभारी सिंगोली

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