राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार पर संकट के बादल बार-बार गहरने लगते हैं। अब कांग्रेस पार्टी की राज्य सरकार को समर्थन दे रहे 13 में 12 निर्दलीय विधायकों की बुधवार को हुई बैठक ने एक बार फिर सियासी समीकरणों के बिगड़ने की आशंका को हवा दे दी है।
जयपुर की एक होटल में हुई है इस बैठक के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। विज्ञापन हालांकि बैठक करने वाले निर्दलीय विधायकों की ओर डैमेज कंट्रोल करते हुए संयम लोढ़ा ने यह जरूर कहा कि हम सीएम गहलोत के साथ हैं। उन्होंने बैठक के बारे में कुछ जानकारियां भी दीं। सबसे पहले तो बता दें कि निर्दलीय विधायकों की इस बैठक में संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा, रमीला खड़िया, सुरेश टांक, खुशवीर सिंह, महादेव सिंह खंडेला, ओम प्रकाश हुडला, रामकुमार गौर, कांति चंद मीणा, लक्ष्मण मीणा, आलोक बेनीवाल और बाबूलाल नागर शामिल रहे।
विधायकों ने की खाली पद भरने की अपील:-
निर्दलीय विधायकों की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए संयम लोढ़ा ने कहा कि सभी विधायक सीएम गहलोत के साथ हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों ने सरकार से खाली पदों को भरने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह बैठक सरकार से ग्राम सेवकों और पटवारियों के खाली पदों को भरने और अनुबंध श्रमिकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करने की अपील करने लिए बुलाई गई। उन्होंने कहा कि हम कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हैं और उनके नेतृत्व में अपना विश्वास रखते हैं।
लोढ़ा ने कहा कि राज्य में कैबिनेट विस्तार कब होगा और इसमें किसे शामिल किया जाएगा, यह सीएम का विशेषाधिकार है। सरकार पर दबाव बनाना और कैबिनेट विस्तार के लिए समयसीमा की मांग करना ये जनता के हित में नहीं है।
निर्दलीय विधायकों की यह बैठक :-
ऐसे समय में हुई है जब यहां गहलोत और पायलट समर्थक विधायकों के बीच सियासी बयानबाजी जारी है। बैठक के बाद सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमें राहुल गांधी ने एसोसिएट मेंबर बनाया है। विधानसभा के भीतर और विधानसभा के बाहर हमने लगातार इस सरकार को मजबूती से ताकत प्रदान की है। कांग्रेस का एसोसिएट मेंबर होने के बावजूद अलग से बैठक करने की आवश्यकता क्यों हुई, यह पूछे जाने पर लोढा ने कहा कि ‘तकनीकी रूप से हम निर्दलीय हैं.. दल -बदल कानून लागू होता है.. हम निर्दलीय विधायक के रूप में किसी पार्टी को कानून के मुताबिक ज्वाइन नहीं कर सकते.. लेकिन राज्य की सरकार को स्थिरता देना हमारा प्राथमिक कर्त्तव्य है जिसका हम सारे निर्दलीय विधायक पूरी तरह से पालन कर रहे है। राज्य सरकार को फिर से अस्थिर करने के प्रयासों पर उन्होंने कहा कि अभी तो यह काल्पनिक सवाल है लेकिन अगर ऐसा होगा तो उनको मुंहतोड जवाब दिया जायेगा.. यह कर्नाटक नहीं है, यह मध्यप्रदेश नहीं है।
पहले भी अशोक गहलोत के नेतृत्व के अंदर हमने इनको धूल चटाई है और अगर कोई मंसूबा रखेगा तो एक बार फिर धूल चटायेंगे। निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने कहा कि जो मीडिया में खबरें आ रहीं हैं और जिस तरह का वातावरण बनाया जा रहा है उन परिस्थितियों को देखते हुए मैंने कहा था कि सरकार को अस्थिर करने में सचिन पायलट की भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों को पहले भी मुहंतोड़ जवाब मिला अब भी मिलेगा।
राज्यपाल से भी मिले थे लोढ़ा बता दें कि संयम लोढ़ा ने इससे पहले प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मुलाकात की थी। उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन देकर सिरोही जिले के विकास में भारत सरकार से अपने संपर्कों का उपयोग कर सहयोग करने का आग्रह किया था। तब उन्होंने कहा था कि सिरोही जिला मुख्यालय में बड़ी हवाई पट्टी बनी है। मगर सालों से हवाई सेवा शुरू नहीं होने से यहां के प्रवासी जो बड़े शहरों में व्यापार और उद्योग चला रहे हैं, नियमित रूप से अपनी जन्मभूमि नहीं आ पाते।