रीट परीक्षा तिथि और आरपीएससी व्याख्याता परीक्षा तिथि के टकराव को लेकर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि इसे एग्जामिन करवा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर तारीखें टकरातीं तो इसे दिखवा लिया जाएगा। अभ्यर्थियों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने यह बात तब कही जब वह जयपुर में राजकीय महात्म गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय गांधी नगर के दौरे पर थे। उन्होंने यह भी कहा कि रीट की वैधता अवधि हमने अभी तीन साल ही रखी है। इसे आगे भी बरकरार रखा जाएगा। इससे ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा। रीट को लेकर राज्य सरकार अपने स्तर पर निर्णय ले सकती है।
आपको बता दें कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से 22 सितंबर से 4 अक्टूबर तक आरपीएससी कॉलेज लेक्चरर की परीक्षा का आयोजन होना है। जबकि राजस्थान सरकार ने रीट परीक्षा की नई तिथि 26 सितंबर तय की है। ऐसे में अब दोनों परीक्षाओं में टकराव होना तय है। राज्य भर में रीट परीक्षा में जहां 16 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं।
आरपीएससी लेक्चरर परीक्षा में लगभग दो लाख परीक्षार्थी भी पूरे राज्य से शामिल हो रहे हैं। इन दोनों परीक्षाओं में शामिल अधिकांश परीक्षार्थी ऐसे हैं जो दोनों परीक्षाओं की तैयारियां एक साथ कर रहे हैं। एबीवीपी ने की परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की मांग एबीवीपी के प्रदेश मंत्री होशियार मीणा और सज्जन कुमार सैनी कॉलेज लक्चरर परीक्षा के बीच में ही रीट परीक्षा करवाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षामंत्री ने एक बार फिर लाखों स्टूडेंट के भविष्य को असमंजस की स्थिति में डालकर भविष्य के दांव पर लगा दिया है।
उन्होंने रीट की तिथि की घोषणा तो कर दी, लेकिन अधिकारियों से यह जानकारी प्राप्त नहीं की कि 26 सितंबर के आसपास या 26 सितंबर को क्या कोई और भी प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित होने वाली है या नहीं. एबीवीपी ने सरकार से मांग की है कि रीट परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाया जाए, जिससे वह आरपीएससी लेक्चरर भर्ती की परीक्षा में भी शामिल हो सकें। अधिकांश परीक्षार्थियों का कहना है कि भविष्य को देखते हुए दोनों परीक्षाएं करियर के लिए जरूरी है लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि रीट से जहां हम स्कूल शिक्षक बनेंगे वहीं आरपीएससी की लेक्चरर परीक्षा से व्याख्याता पद पर आसीन होंगे,
इसलिए रीट परीक्षा के साथ साथ आरपीएससी लेक्चरर परीक्षा भी उतनी ही जरूरी है।