राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन हो गया है. वे 93 वर्ष के थे. दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उनका कई दिनों से कोविड का उपचार चल रहा था. उनकी पत्नी भी दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने पहाड़िया के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
गहलोत ने बताया निजी क्षति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा, 'प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जगन्नाथ पहाड़िया जी के निधन की खबर बेहद दुखद है. श्री पहाड़िया ने मुख्यमंत्री के रूप में, राज्यपाल के रूप में, केंद्रीय मंत्री के रूप में लम्बे समय तक देश की सेवा की, वे देश के वरिष्ठ नेताओं में से थे. श्री पहाड़िया हमारे बीच से कोविड की वजह से चले गए, उनके निधन से मुझे बेहद आघात पहुंचा है. प्रारम्भ से ही उनका मेरे प्रति बहुत स्नेह था, उनके जाने से मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है. ईश्वर से प्रार्थना है शोकाकुल परिजनों को इस कठिन समय में सम्बल दें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.'
11 महीने थे राजस्थान के CM प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी पहाड़िया के निधन पर शोक व्यक्त किया है. दरअसल, पहाड़िया राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री थे. 15 जनवरी 1932 को जन्मे पहाड़िया 6 जून 1980 से जुलाई 1981 तक 11 महीने राजस्थान के सीएम रहे थे.
25 साल की उम्र में बने थे MP पहाड़िया 1957 में सबसे कम उम्र में सांसद बनने का अवसर मिला था. जब वे सांसद चुने गए तब उनकी उम्र 25 साल 3 माह थी. पंडित नेहरू ने दिल्ली में उनसे पहली मुलाकात में उनसे प्रभावित होकर उन्हें कांग्रेस का टिकट दिया था. बाद में इंदिरा गांधी और फिर संजय गांधी (Sanjay Gandhi) के बेहद करीबी होने की वजह से उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला था. लेकिन वह मुख्यमंत्री पद पर लंबे समय तक नहीं रह पाए
बिहार-हरियाणा के रह चुके थे राज्यपाल मुख्यमंत्री बनने से पहले 1965 में जगन्नाथ पहाड़िया राज्यसभा से सांसद चुने गए थे. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के मंत्रिमंडल में उन्हें मंत्री बनने का भी मौका मिला था. 1989 में उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया था. 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल रहे थे. जगन्नाथ पहाड़िया के निधन से राजस्थान में कांग्रेस ने सबसे वरिष्ठ नेता को खो दिया है.