नई दिल्ली। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 861.90 करोड़ रुपए की लागत से संसद भवन की नई इमारत का निर्माण करेगी। अधिकारियों ने बताया कि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने निविदा हासिल की है। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नई इमारत संसद की मौजूदा इमारत के नजदीक बनाई जाएगी और इसके 21 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर हालांकि फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.9 करोड़ रुपए की लागत से संसद की नई इमारत बनाने का ठेका हासिल किया है।उन्होंने कहा कि इसमें रखरखाव का काम भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि एलएंडटी लिमिटेड ने 865 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी, लेकिन टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की बोली सबसे कम थी। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत संसद भवन की त्रिकोणीय इमारत, एक साझा केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के पुनर्विकास की परिकल्पना की गई है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुताबिक, नई इमारत संसद भवन संपदा की प्लॉट संख्या 118 पर बनेगी। नई इमारत में ज्यादा सांसदों के लिए जगह होगी क्योंकि परिसीमन के बाद लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है। इसमें करीब 1400 सांसदों के बैठने की जगह होगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इमारत सीमेंट और कांक्रीट ढांचे वाली संरचना होगी।
सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि परियोजना के अमल में आने के पूरी अवधि के दौरान मौजूदा संसद भवन में कामकाज जारी रहेगा। एक बार नई इमारत के बन जाने के बाद मौजूदा संसद भवन परिसर का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। सीपीडब्ल्यूडी ने कहा, नए भवन के स्तंभ मौजूदा इमारत जैसे ही होंगे जो जमीन से करीब 1.8 मीटर ऊपर हैं। प्रस्तावित इमारत का कुल क्षेत्रफल करीब 65 हजार वर्ग मीटर का होगा, जिसमें करीब 16921 वर्ग मीटर का भूमिगत क्षेत्र भी होगा। इमारत में भूमिगत तल के साथ ही भूतल के अलावा दो और मंजिल होंगी।सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत प्रधानमंत्री का आवास और कार्यालय साउथ ब्लॉक के पास स्थानांतरित होने की उम्मीद है, जबकि उप-राष्ट्रपति का नया घर नॉर्थ ब्लॉक के नजदीक होगा।