अशासकिय विद्यालय की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय सैकड़ों परिवार भूखे मरने की कगार पर, मार्च से विद्यालय बंद पड़े आवक के सारे रास्ते बंद खर्चे यथावत कैसे पार पाये

प्रदीप जैन August 20, 2020, 6:08 pm Technology

2018-19 व 2019-20 का आर टी ई का लाखो रूपये शासन से लेना शेष है जो शीघ्र भुगतान करने की मांग

सिंगोली। सिंगोली तहसील अशासकिय शिक्षक संघ के तहसील अध्यक्ष मुरलीधर पालीवाल ने अपने संगठन के पदाधिकारियों के साथ बुधवार को सिंगोली के जिनेन्द्र एजुकेशन एकेडमी विद्यालय परिसर में पत्रकार वार्ता कर अपनी पीड़ा व्यक्त की। देश में कोरोना जैसी महामारी के चलते मार्च माह से शासकीय ओर अशासकीय सभी विधालय बंद पड़े है। जिसके चलते सभी अशासकिय विद्यालयों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। क्योंकि स्कूलों में आवक के तो सारे रास्ते बंद हो गये ओर खर्च सब यथावत हो रहा है। खर्चे मे भवन किराया, विधुत बिल, कर्मचारी वेतन, वाहन किश्ते, वाहन बीमे तथा फिटनेस आदी सब भरने पड़ रहे हैं। जो सभी पर भारी पड़ रहा है। पत्रकार वार्ता में पालीवाल ने शासन से मांग करते हुए बताया की अप्रैल माह से जब तक विद्यालय चालु नही हो तब तक बिजली बिल वाहनो का टेक्स किश्तो का ब्याज माफ हो । साथ ही पालीवाल ने निजी स्कूलों का वर्ष 2018-19 व 2019-20 का बकाया आर टी ई का पैसा सभी विद्यालयों को बिना किसी ओपचारिक के शीघ्र भुगतान करने की मांग की है। ताकी आर्थिक व्यवस्था से जूझ रहे विधालयो को संजीवनी मिल सके। वार्ता में पालीवाल ने यह भी बताया कि सरकारी विधालयो के संचालन से छात्र छात्राओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि इस बार प्राइवेट विद्यालय चलेंगे की नहीं चलेंगे? साथ ही कई विद्यालयों के छात्रों को बीना टी सी के भी सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिया जा रहा है जो निजी विधालयो का सीधा सीधा नुकसान हो रहा है। गत शत्र की प्राइवेट विधालयो की लाखो रूपये फीस बकाया है जो अभिभावको से लेना है इसलिए शासन हमारे हितो को ध्यान में रखते हुए ऐसा आदेश पारित करे की बीना टी सी के कोई भी सरकारी स्कूल नीजी विधालयो के छात्र छात्राओं का एडमिशन नही करे। पालीवाल ने शासन की नवीन योजना अपना घर अपना विधालय के संचालन की ऐसी योजना बनावे जिसमे निजी विद्यालयों के हितों को ध्यान भी रखते हुए नई गाइडलाइन के अनुसार विद्यालय संचालन की योजना तैयार की जाए । साथ ही एक ओर विद्यालय बंद और आर्थिक नुकसान से पीड़ित निजी विद्यालयों को नवीन मान्यता हेतु आवेदन करने को बताया गया जबकि इस बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए मान्यता अवधि भी बढ़ने की मांग की गई । इसी के साथ निजी विद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को भी शासन द्वारा आर्थिक सहायता राशि या रोजगार के अवसर प्रदान करे ताकि विद्यालय से जुड़े कर्मचारियों की आजीविका चलने में सहयोग हो । वार्ता में निजी विधालयो के संचालक उपस्थित थे जिनमे तहसील सचिव विशाल जैन , निरंजन गिर रजनाति, वीरेन्द्र सिंह चुण्डावत, बृजमोहन पाराशर, अरविंद विशनोई, चैनसुख धाकड़ आदी ने अपनी बात पत्रकारो के बीच रखी।

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