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अगर आयकर रिटर्न भरने में देरी कर चुके है तो 10 लाख की आय पर भी लगेगी बस 1000 की लेट फीस

NEEMUCH HEADLINES January 5, 2022, 2:46 pm Technology

अगर आप वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपना आयकर रिटर्न फाइल करने में देरी कर चुके हैं, तो अब आपको 31 दिसंबर 2021 के बाद लेट फीस लगने की चिंता सता रही होगी.

लेकिन हम आपको बता देते हैं कि अगर आपकी इनकम 10 लाख रुपये भी है, तो भी सिर्फ 1,000 रुपये ही लेट फीस देनी होगी. जानिए कैसे?

क्या कहता है आयकर कानून? :-

सबसे पहले तो ये जान लें कि आयकर कानून की धारा-234F के मुताबिक यदि किसी आयकरदाता की कुल आय 5 लाख रुपये या उससे कम है, तो 31 दिसंबर 2021 के बाद आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने पर उसे 1,000 रुपये और इससे अधिक आय होने पर 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा.

लेकिन अब आप ये सोच रहे होंगे कि फिर 10 लाख रुपये तक की आय पर भी लेट फीस 1,000 रुपये ही कैसे लगेगी...?

कर योग्य आय पर लगेगी लेट फीस :-

आयकर कानून के हिसाब से लेट फीस का कैलकुलेशन आयकरदाता की कर योग्य आय पर किया जाता है। Professionals tax के चीफ कंसल्टेंट चार्टड एकाउंटेंट के मुताबिक आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए कर योग्य आय को ही आधार माना जाता है. ऐसे में अगर कोई करदाता आयकर कानून के तहत मिलने वाली अलग-अलग छूट का लाभ लेता है, तो उसकी आय में से इन्हें घटाकर कर योग्य आय का आकलन होता है. इनमें होम लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर छूट, बचत पर छूट, बीमा पर छूट, NPS में निवेश पर छूट, स्वास्थ्य बीमा पर छूट जैसे कई प्रावधान शामिल हैं.

आयकर कानून के चैप्टर-VI में छूट की कई धाराओं जैसे 80(D), 80(DD), 80(E), 80(EEA) का उल्लेख है. ऐसे 10 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर भी कम लेट फीस देनी पड़ सकती है।

10 लाख की आय पर 1000 लेट फीस :-

अब जानते हैं कि 10 लाख रुपये की आय पर भी 1000 रुपये की लेट फीस कैसे लगेगी? तो आयकर कानून की धारा-24 के तहत मकान मालिक होम लोन पर दिए जाने वाले अधिकतम 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर आयकर छूट प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा धारा-80(C) के तहत आयकर दाता को 1,50,000 लाख रुपये तक की बचत पर कर छूट मिलती है.

वहीं NPS में 50,000 रुपये तक के निवेश पर अलग से कर छूट मिलती है. वहीं धारा-80(D) के तहत आयकरदाता मेडिकल इंश्योरेंस के लिए अधिकतम 1 लाख रुपये पर कर छूट प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह 10 लाख रुपये की इनकम करने वाले आयकरदाता की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम रह जाती है, तो उसकी लेट फीस भी 1,000 रुपये ही लगेगी. बाकी इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए अपने कर सलाहकार से बात कर सकते हैं।

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