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बंगाल के वित्त मंत्री ने कहा- GST परिषद की बैठकें विषाक्त हो गई, इनमें सुधार की जरूरत

Neemuch headlines June 24, 2021, 8:03 am Technology

 पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बुधवार को कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच विश्वास की कमी के चलते जीएसटी परिषद की बैठकें काफी कुछ विषाक्त माहौल वाली हो चलीं हैं. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण से इस विश्वास की बहाली के लिए सुधारात्मक उपायों पर विचार करने का आग्रह किया. वित्त मंत्री को भेजे एक पत्र में अमित मित्रा ने यह भी दावा किया है कि केंद्र सरकार जीएसटी परिषद की बैठकों में पहले से तय परिणाम की सोच के साथ पहुंचती है. मित्रा ने इससे पहले 13 जून को आरोप लगाया था कि जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान उनकी आवाज को अनसुना कर दिया गया. वह कोविड के इलाज में काम आने वाली जरूरी सामग्री, दवाओं और टीके पर कर लगाने का विरोध कर रहे थे.

आपसी विश्वास में कमी उन्होंने पत्र में कहा है, जिस बात का मुझे सबसे ज्यादा दुख है वह यह कि जीएसटी परिषद की स्थापना के बाद से केंद्र और राज्यों के बीच आपसी विश्वास में आई कमी के कारण जीएसटी परिषद की बैठकें कटुतापूर्ण, अप्रिय और विषाक्त हो गई हैं. मित्रा ने दावा किया कि कइयों को इन बैठकों में सहयोगात्मक संघवाद की भावना में आई गिरावट और जीएसटी परिषद की बैठकों में आम सहमति से काम करने की प्रतिबद्धता का क्षरण होना महसूस हुआ है. उन्होंने कहा कि इससे पहले कई बार ऐसे मौके आए हैं जब राज्यों और केंद्र सरकार के बीच तीखे मतभेद उभरे हैं लेकिन तब भी उनके बीच ऐसी कटुता नहीं देखी गई. लेकिन अब मुझे लगता है कि बहुत सरल मामलों में भी आम सहमति पर पहुंचना मुश्किल होता जा रहा है.

मित्रा ने कहा कि यह जीएसटी व्यवस्था के लिए खतरनाक समय है क्योंकि राज्यों के अपने संसाधन बहुत बुरी स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि अनुमानित राजस्व और संग्रहित राजस्व के बीच का अंतर 2.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. वहीं 2020- 21 के दौरान राज्यों की लंबित वास्तविक क्षतिपूर्ति का आंकड़ा 74,398 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. नंदन नलेकणि की जीएसटी परिषद में दिए गए प्रस्तुतीकरण के मुताबिक धोखाधड़ी वाला लेनदेन 70,000 करोड़ पर जा पहुंचा है.

मित्रा ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष ये मुद्दे पूरी स्पष्टता और नेकनीयती के साथ उठाए गए हैं ताकि वह जीएसटी परिषद के परिचालन में सुधार लाने के उपायों पर विचार कर सकें.

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