योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच जारी खींचतान के बीच, आईएमए के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ जेए जयलाल ने शुक्रवार को कहा कि एसोसिएशन रामदेव के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि योग गुरु द्वारा आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ अपनी टिप्पणी वापस लेने के बाद पुलिस शिकायत वापस ले ली जाएगी।
जयलाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा,"योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ हम नहीं है। उनके बयान कोविड -19 के टीकाकरण के खिलाफ हैं। हमें लगता है कि उनके बयान लोगों को भ्रमित कर सकते हैं, उन्हें विचलित कर सकते हैं। यह हमारी बड़ी चिंता है क्योंकि उनके कई अनुयायी हैं।"
योग गुरु और चिकित्सा संघ के बीच बयानों के आदान-प्रदान बिना किसी कमी के संकेत के लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि रामदेव ने अपने उस वीडियो बयान को वापस ले लेते हैं जिसकों लेकर यह विवाद शुरू हुआ। उस वीडियो में योग गुरु को एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करते देखा गया था। हालांकि बाबा रामदेव ने यह दावा किया गया था कि वह व्हाट्सऐप संदेश पढ़ रहे थे।
इसके बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ। एक अन्य वीडियो में योग गुरु कह रहे थे कि 'किसी का बाप भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकता'। उन्होंने आईएमए से 25 सवाल भी पूछे और पूछा कि आधुनिक चिकित्सा ने उच्च रक्तचाप का स्थायी इलाज क्यों नहीं खोजा है। जयलाल ने कहा कि अगर रामदेव अपनी टिप्पणी को पूरी तरह वापस लेने के लिए आगे आते हैं तो आईएमए शिकायत और मानहानि नोटिस वापस लेने पर विचार करेगा।
इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उत्तराखंड अध्याक्ष ने रामदेव के 25 सवालों का जवाब दिया और पतंजलि योगपीठ को एलोपैथी पर एक खुली, टेलीविजन पर बहस के लिए चुनौती दी। 'एलोपैथी बनाम आयुर्वेद' विवाद ने उस समय एक नया मोड़ ले लिया जब पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने आईएमए पर पूरे देश को ईसाई धर्म में बदलने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया।
इसका जवाब देते हुए, डॉ जयलाल ने कहा, "धर्म का सवाल यहां तक कैसे आता है? यह विशुद्ध रूप से निहित स्वार्थों की एक भटकाव की रणनीति है और कुछ भी नहीं। मैंने जीवन भर लोगों को किसी भी आधार पर भेदभाव किए बिना उनकी सेवा की है और आगे भी जारी रखूंगा।"